Premuskan

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वो मुझे ❣मेहंदी लगे हाथ✋ दिखा कर रोई .
में किसी और की 🙍‍♀हूँ बस इतना 💔बता कर रोई .

उमर भर की 🔥जुदाई का ख्याल आया था शायद !!
वो मुझे पास अपने देर 😔तक बिठा कर रोई ..

अब के न सही 💕ज़रूर हषर मैं मिलेंगे !!
यकजा होने के दिलास 💚दिला कर रोई .

कभी कहती 👄थी के मैं नहीं जी 🏃‍♀पाऊँगी तुम्हारे बिन !!
और आज 🌔 फिर वो ये बात दोहरा 😢कर रोई !!

मुझ पे इक कुराब का ⛈तूफ़ान हो गया है !!
जब मेरे सामने मेरे📜 ख़त जला🔥 कर रोई !!.

मेरी नफरत😡 और अदावत पिघल 😣गई इक पल में !!
वो बे-वफ़ा 😕है तो क्यूँ मुझे रुला 💔कर रोई !!

मुझ से जायदा 😔बिछड़ने का गम उसे था !!
वक़्त -ए-रुखसत वो 👤मुझे सिने से लगा कर रोई !!

मैं बेकसूर हु , कुदरत का ✍🏻फैसला है ये !!
लिपट के मुझ से बस 👩‍🦰वो इतना बता कर रोई !!

सब शिकवे मेरे इक ❣पल में बदल गए !!
झील सी 👁आँखों में जब आंसू 😢सजा कर रोई .

केसे उस की मोहब्बत💞 पैर शक करें हम !!
भरी महफ़िल👥 में वो मुझे गले लगा कर रोई!!

आख़री आस भी 💔जब टूटती देखी ऊसने,
अपनी डोलीके चिलमनको 😔गिरा कर रोई।

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